संदेश

प्रत्येकाच्या कपाळी म्हणे
भाग्य लिहिलेलं असतं
आठ्या पाडून म्हणूनच ते
चुरगळायचं नसतं

Tuesday, October 5, 2010

Ab Mandir Banakar hi dam lenge.................Jay Shree-ram !!!!

मिलकर करेंगे राममंदिर का निर्माण
Oct 05, 08:12 pm


फैजाबाद।
अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अलग-अलग खेमों में बंटे नजर आ रहे राम मंदिर समर्थकों को एक मंच पर लाने की कवायद शुरू हो गयी है। मंगलवार को रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदान्ती अचानक निर्मोही अखाड़े के सरपंच महंत भाष्कर दास से मिलने पहुंचे। करीब पौन घंटे तक एकांत में हुई वार्ता के बाद दोनों ने कहा कि मिलकर मंदिर निर्माण पर सहमति बन गयी है। विश्व हिन्दू परिषद ने पहल का स्वागत किया है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत ज्ञानदास और बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाशिम अंसारी के बीच चल रही वार्ता के बीच मंगलवार को सामने आये इस ताजा घटनाक्रम को हिन्दू पक्ष की एकजुटता के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। वार्ता में मिलकर मंदिर निर्माण करने के साथ ही तय किया गया कि यदि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में अपील करता है तो वहां उसका मुकाबला भी साथ-साथ किया जाएगा।
बातचीत के बाद डॉ. वेदांती ने बताया कि निर्मोही अखाड़ा मंदिर निर्माण में बाधक नहीं बनेगा। मंदिर निर्माण के बाद रामानंद संप्रदाय उसकी व्यवस्था के बारे में दायित्व का निर्धारण करेगा।
उधर, महंत भाष्कर दास ने एक बार फिर दोहराया कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत ज्ञानदास की कोशिशों में वे शामिल नहीं होंगे। उन्होंने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि मिलकर मंदिर निर्माण करने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बातचीत आगे भी चलती रहेगी। निर्मोही अखाड़ा अपनी स्पष्ट भूमिका के साथ मंदिर निर्माण में शामिल होगा।


Chorachi Kabuli Ani Warun Parat Ulatya Bomba..............!!!

हमने किया भारत के खिलाफ आतंकियों को प्रशिक्षित
Oct 05, 02:32 pm
बताएं

 वाशिंगटन।
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में लड़ने के लिए भूमिगत आतंकी समूहों को प्रशिक्षित किया। भारत में आतंक फैलाने के बारे में पाकिस्तान के किसी सर्वोच्च नेता की यह पहली स्वीकारोक्ति है। मुशर्रफ का यह बयान लंदन से सक्रिय राजनीति में लौटने की उनकी घोषणा के कुछ दिन बाद आया है। पूर्व राष्ट्रपति आत्मनिर्वासन में लंदन में रह रहे हैं।
सैन्य शासक ने जर्मन पत्रिका डेर स्पीजेल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकियों को कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया गया। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने के लिए आतंकियों को प्रशिक्षण क्यों दिया, पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि नवाज शरीफ की कश्मीर मुद्दे के प्रति असंवेदनशीलता एक कारण थी और दुनिया ने भी इस विवाद से आंखें फेर ली थीं।
मुशर्रफ ने दावा किया, हां, अपने हितों को आगे बढ़ाने का अधिकार हर देश को है। जब भारत संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा करने के लिए और इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ सरकार ने इसलिए आंखें मूंद रखी थीं क्योंकि वह चाहते थे कि भारत कश्मीर पर चर्चा करे।
मुशर्रफ ने संकेत दिया कि उन्हें कारगिल घुसपैठ पर कोई अफसोस नहीं है। इस घुसपैठ के बाद 1999 में भारत-पाक युद्ध हुआ था। उन्होंने दलील दी कि हर देश को अपने हितों को आगे बढ़ाने का अधिकार है।
मुशर्रफ ने कश्मीर मुद्दे की लगातार उपेक्षा करने और विभिन्न आरोपों के चलते पाकिस्तान को अकेला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खास कर पश्चिम के प्रति नाराजगी जाहिर की।
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक ने कहा कि पश्चिम कश्मीर मुद्दे के समाधान की लगातार उपेक्षा कर रहा है जबकि यह पाकिस्तान में प्रमुख मुद्दा है। हमें कश्मीर मुद्दे के हल के लिए पश्चिम से, खास कर अमेरिका और जर्मनी जैसे महत्वपूर्ण देशों से उम्मीद थी। क्या जर्मनी ने ऐसा किया।
मुशर्रफ ने लंदन में अपनी नई पार्टी 'आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग' की शुरुआत की और 2013 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया।
उन्होंने कहा कि पश्चिम हर बात का दोष पाकिस्तान पर मढ़ता है। भारतीय प्रधानमंत्री से कोई नहीं पूछता कि आपने अपने देश में परमाणु हथियार क्यों बनाए। क्यों आप कश्मीर में बेगुनाह लोगों को मार रहे हैं। 1971 में बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन के कारण पाकिस्तान का विभाजन हुआ और कोई व्यथित नहीं हुआ। अमेरिका और जर्मनी ने बयान दे दिया कि उनका कोई सरोकार नहीं है।
वर्ष 1999 में एक रक्तरहित क्रांति में शरीफ सरकार को बेदखल करने वाले मुशर्रफ कारगिल युद्ध के दौरान भी सेना प्रमुख थे और भारत तथा पाकिस्तान के बीच युद्ध तेज करने की धमकी दी थी। मुशर्रफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भारत के साथ रणनीतिक समझौते करने तथा पाकिस्तान के साथ एक चालाक देश जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक समझौतों में हर किसी की दिलचस्पी है, लेकिन पाकिस्तान को हमेशा एक चालाक देश के तौर पर देखा जाता है। मुशर्रफ ने यह भी कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी भूल अफगानिस्तान में जीत के बिना ही वहां से सेना वापस बुलाना है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि न केवल पाकिस्तान, भारत और कश्मीर में आतंक फैला बल्कि यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका भी इससे नहीं बच पाए। ऐसा मेरा मानना है।